परिचय
मध्यप्रदेश सरकार समय-समय पर युवाओं के कौशल विकास और रोजगार को लेकर कई प्रभावशाली योजनाएं लाती रही है। ऐसी ही एक अनोखी पहल है सिखों कमाओ योजना Madhya Pradesh, जो प्रदेश के युवाओं को न केवल तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण देती है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण के दौरान भत्ता भी देती है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को हुनरमंद बनाकर उन्हें रोजगार योग्य बनाना है।
आइए, इस लेख में जानते हैं कि “सिखों कमाओ योजना” क्या है, इसके क्या लाभ हैं, कौन पात्र हैं, आवेदन प्रक्रिया कैसी है, और यह योजना कैसे बदल रही है प्रदेश के युवाओं का भविष्य।
क्या है सिखों कमाओ योजना Madhya Pradesh?
“सिखों कमाओ योजना” मध्यप्रदेश सरकार की एक फ्लैगशिप स्कीम है, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में की गई। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग देना है, ताकि वे निजी क्षेत्र में नौकरी के लिए तैयार हो सकें या स्वयं का उद्यम शुरू कर सकें।
इस योजना के अंतर्गत युवाओं को निजी और सरकारी सेक्टर के प्रतिष्ठित संस्थानों में ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही, उन्हें हर महीने प्रोत्साहन राशि (स्टाइपेंड) भी दी जाती है जिससे वह आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना के उद्देश्य
- युवाओं को उद्योगों की ज़रूरत के अनुसार ट्रेनिंग प्रदान करना
- प्रशिक्षुओं को आर्थिक सहायता देना ताकि वे बेफिक्र होकर ट्रेनिंग ले सकें
- स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देना
- बेरोजगारी की दर को घटाना
- प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयाँ देना
सिखों कमाओ योजना की प्रमुख विशेषताएँ
विशेषता | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | सिखों कमाओ योजना Madhya Pradesh |
शुरू करने की तिथि | 2023 |
योजना का उद्देश्य | युवाओं को रोजगार योग्य बनाना |
पात्रता | 12वीं पास, स्नातक या उससे ऊपर |
स्टाइपेंड | ₹8000 से ₹10,000 प्रतिमाह |
ट्रेनिंग की अवधि | 6 महीने से 1 वर्ष |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक पोर्टल | mpskill.gov.in |
कौन उठा सकता है योजना का लाभ? (पात्रता)
- मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक की आयु 18 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- न्यूनतम योग्यता 12वीं पास या समकक्ष हो।
- आवेदक किसी भी सरकारी/निजी नौकरी में कार्यरत नहीं हो।
- जिन युवाओं ने पहले ही किसी स्किल ट्रेनिंग योजना का लाभ लिया है, वे पात्र नहीं होंगे।
स्टाइपेंड कितना मिलेगा?
सरकार द्वारा युवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता और कोर्स के प्रकार के अनुसार मासिक स्टाइपेंड प्रदान किया जाता है:
योग्यता | मासिक स्टाइपेंड |
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12वीं पास | ₹8,000/- |
डिप्लोमा धारक | ₹8,500/- |
स्नातक या उससे ऊपर | ₹10,000/- |
इस राशि का भुगतान हर महीने प्रशिक्षु के बैंक खाते में डायरेक्ट किया जाता है।
🔷 किन क्षेत्रों में दी जाती है ट्रेनिंग?
इस योजना के अंतर्गत कई सेक्टर्स में रोजगारोन्मुखी ट्रेनिंग दी जाती है, जैसे:
- आईटी और सॉफ्टवेयर
- बैंकिंग और फाइनेंस
- टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी
- हेल्थकेयर
- इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स
- ऑटोमोबाइल
- मार्केटिंग और सेल्स
- कस्टमर सपोर्ट / बीपीओ
- ई-कॉमर्स
- रिटेल और लॉजिस्टिक्स
🔷 आवेदन कैसे करें? (ऑनलाइन प्रक्रिया)
सिखों कमाओ योजना में आवेदन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें:
- 👉 सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: https://mpskill.gov.in
- 👉 “Register as Trainee” पर क्लिक करें।
- 👉 अपनी व्यक्तिगत जानकारी, योग्यता और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- 👉 OTP के ज़रिए मोबाइल नंबर को वेरीफाई करें।
- 👉 डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें – जैसे कि आधार कार्ड, मार्कशीट, पासपोर्ट साइज फोटो आदि।
- 👉 प्रशिक्षण क्षेत्र और संस्था का चयन करें।
- 👉 आवेदन सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।
जरूरी दस्तावेज़
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र (Domicile)
- 10वीं/12वीं की मार्कशीट
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
चयन प्रक्रिया
- रजिस्ट्रेशन के बाद उम्मीदवारों की योग्यता के अनुसार प्रोफाइल शॉर्टलिस्ट की जाती है।
- फिर उन्हें नज़दीकी ट्रेनिंग पार्टनर/संस्था में प्रशिक्षित किया जाता है।
- प्रशिक्षण के दौरान प्रदर्शन और उपस्थिति का मूल्यांकन होता है।
- सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने पर सर्टिफिकेट और नौकरी के अवसर भी मिलते हैं।
सिखों कमाओ योजना के फायदे
✅ युवाओं को ट्रेनिंग के दौरान स्टाइपेंड मिलता है
✅ स्किल्स के आधार पर नौकरी के अवसर बढ़ते हैं
✅ स्वयं का व्यवसाय शुरू करने में मदद मिलती है
✅ रोजगार दर में सुधार
✅ राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती
सफलता की कहानियाँ
✨ राधिका वर्मा, भोपाल
राधिका ने बीकॉम के बाद कोई नौकरी नहीं पाई। सिखों कमाओ योजना से उसने डिजिटल मार्केटिंग की ट्रेनिंग ली और अब एक डिजिटल एजेंसी में ₹18,000/माह की नौकरी कर रही है।
✨ राहुल शर्मा, ग्वालियर
राहुल ने इलेक्ट्रिशियन कोर्स पूरा कर गांव में खुद का सर्विस सेंटर खोला। अब वह हर महीने ₹25,000 से अधिक कमा रहा है।
योजना से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण लिंक
नवाचार और भविष्य की योजनाएं
सरकार इस योजना में निरंतर सुधार कर रही है:
- ✔️ मोबाइल ऐप लॉन्च की योजना
- ✔️ महिला प्रशिक्षणार्थियों के लिए विशेष सत्र
- ✔️ दिव्यांगजनों के लिए अलग से कोर्स
- ✔️ गांवों तक ट्रेनिंग केंद्रों का विस्तार
निष्कर्ष
सिखों कमाओ योजना Madhya Pradesh वास्तव में एक परिवर्तनकारी पहल है, जो राज्य के युवाओं को न केवल रोजगार के काबिल बना रही है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रही है। यह योजना न केवल वर्तमान को संवार रही है, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय कर रही है। यदि आप भी मध्यप्रदेश के युवा हैं और एक सुनहरे करियर की तलाश में हैं, तो इस योजना का लाभ ज़रूर उठाएं।